bajrang baan lyrics Secrets

भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥ जय जय जय अनन्त अविनाशी ।

तीनों लोक हाँक तें काँपै ॥२३॥ भूत पिसाच निकट नहिं आवै ।

संकट से मोहि आन उबारो ॥ मात-पिता भ्राता सब होई ।

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प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥

Devotees who chant these verses with intensive really like grow to be prosperous through the grace of Lord Shiva. Even the childless wishing to have youngsters, have their wants fulfilled soon after partaking of Shiva-prasad with faith and devotion.

कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥

He whoever recites this hundred times, his chains of Bondage will be Reduce, Wonderful joy will likely be his.

कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

मेरा गोपाल गिरधारी ज़माने से निराला है।ना गोरा है ना कला है, वो मोहन मुरली वाला है॥कभी सपनो में आ जाना, कभी रूपोश हो जान

सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ ।

जय navratri 2024 हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा

मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार,नज़र तोहे लग जाएगी।तेरी सुरतिया पे मन मोरा अटका।प्यारा लागे तेरा पीला पट

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